सजदे में यूँ ही झुकता हूँ तुमपे ही आ के रुकता हूँ क्या ये सबको होता है हमको क्या लेना है सबसे तुमसे ही सब बातें अब से बन गए हो तुम मेरी दुआ खुदा जाने के मैं फ़िदा हूँ खुदा जाने मैं मिट गया खुदा जाने ये क्यूँ हुआ है के बन गए हो तुम मेरे खुदा तू कहे तो तेरे ही कदम के मैं निशानों पे चलूँ रुकूँ इशारे पे तू कहे तो ख्वाबों का बना के मैं बहाना सा मिला करूँ सिरहाने पे तुम से दिल की बातें सीखी तुम से ही ये राहें सीखी तुमपे मर के मैं तो जी गया खुदा जाने के... दिल कहे के आज तो छुपा लो तुम पनाहों में के डर है तुमको खो दूंगा दिल कहे संभल ज़रा ख़ुशी को ना नज़र लगा के डर है मैं तो रो दूंगा करती हूँ सौ वादे तुमसे बांधे दिल के धागे तुमसे ये तुम्हें न जाने क्या हुआ खुदा जाने के...